राहुल गाँधी का गरीब भारत पढने पर आप को अटपटा जरुर लग रहा होगा | दूर दराज के गावों में जा कर एक गरीब किसान का मजाक कैसे उराया जाता है ये तो राहुल गाँधी के बाये हाथ का खेल है | किसी गरीब किसान के घर खाना खाते अपने आप को दिखाना | हमारे मिडिया वाले ये ब्रेकिंग न्यूज़ में दिखा अपने चैनल और अख़बार का टीआरपी भी बटोर लेते | चुनाव में लम्बे लम्बे भासन देने वाले राहुल गाँधी को अब सांप सूंघ गया इसलिए गरीबी रेखा दिख ही नहीं रहा है |
कुछ दिन पहले योजना आयोग ने सहरी छेत्र के लिए रुपया ३२ प्रति दिन आय और ग्रामीण छेत्र के लिए रुपया २६ प्रति दिन आय की घोसना किया था तो सर्वोच्य न्यालय ने योजना आयोग को फटकार लगाया था | विगत कुछ दिन पहले योजना आयोग का नया गरीबी रेखा का आकलन पुराने आकलन से भी घट कर सहरी छेत्र के लिए रुपया २८ प्रति दिन आय और ग्रामीण छेत्र के लिए रुपया २२ प्रति दिन आय | मुझे बरी ताजुब होता जब मै लोकसभा में बैठे लोगो के बरे में सोचता हूँ ५३४ लोकसभा सदस्य के लिए ८५५ करोर का बजट मात्र तनखाह के नाम पर (तनखाह, यातायात, चिकित्सा, बिजली, पानी, दूरसंचार आदि ) | उसके उपरांत लोकसभा के अंतर्गत आने वाले भोजनालय में चाय - १.०० रुपया, सूप - ५.५० रुपया, दाल - १.५० रुपया, चपाती - १.०० रुपया, चिक्केन - २४.५० रुपया, डोसा - ४.०० रुपया, बिरयानी - ८.०० रुपया, मछली - १३.०० रुपया, और ऐसे बहुत सारी सुविधाए है |
आम आदमी ठेले वाले से २.०० रुपया का मूंगफली खरीदना चाहता तो ठेले वाला भी काप उठता भैया २ रुपया का मूंगफली दे | मैं इसलिए ये कथा नहीं लिख रहा हूँ की आप पढ़ के २-४ टिपण्णी कर दे ! बस ये बताना चाहता हूँ की हमारा देश कोई नेता नहीं चलाता हमारे आप के बरे छोटे भैया बाबूजी और दादाजी ही चलते है जो डिप्लोमेट और ब्यूरोक्रेट कहलाते है क्या उनकी भी आँख के पानी मर जाता हैं | डिप्लोमेट और ब्यूरोक्रेट भी तो हमारे बीच के ही इन्सान होते क्या उनको रोज मारा के जिन्दगी से मतलब नहीं होता या आप लोगो के रोज मारा से तालुकात नहीं रखना चाहते | विश्व बैंक ने गरीबी रेखा को निर्धारित किया है १.२० अमेरकी डालर वैसे तो भारतीय रुपया गिरता ही रहता है अमेरकी डालर के तुलना में फिर भी कह सकते की विश्व बैंक के हिसाब से ६० रुपया (लगभग ले सकते है ) | क्या राहुल गाँधी और लोकसभा में बैठे लोगो को सायद ये जानकारी नहीं है या इसे अनदेखा कर रहे है | योजना आयोग के लोगो को भी ये जानकारी जरुर होगा फिर भी अनदेखा करने का क्या कारन हो सकता ये समझना बहुत मुस्किल लग रहा है |
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