नमस्ते दोस्तों |
अपनी भागती दोरती जिन्दगी में अपनी कीमती समय को निकल कर ब्लॉग लिखना बहुत बरी बात होता हैं | ब्लॉग मैं इसलिए लिखता हूँ की आप सभी भी थोरा समय निकल कर देश दुनिया के आच्छा बुरा में अपना भागीदारी देने और लेने में और खुद की हक़ की हिफाजत कर सके |
मैं विजय त्रिवेदी जी का एक प्रोग्राम देख रहा था चमरी चोर थोरी देर तो ऐसा लगा की न्यूज़ चेनल अपना काम कर रहा लेकिन कुछ देर बाद मेरे टीवी स्क्रीन पर मोटि शब्द में लिखा आया की भारत में प्रति वर्स १४००० शरीर के अंग दान के द्वारा जमा होता हैं | लेकिन इसी भारत वर्स में प्रति वर्स ७०००० शरीर के अंग का प्रित्यापन किया जाता हैं | अब सोचने की बात ये हैं की आप अगर १ रूपये कमाते और ५ रूपये खर्च करते तो या तो आप कर्ज लेते जो की एक निश्चित समय तक आप को कर्ज देने वाले को वापस करना होता हैं| इस कर्ज को तोरने के लिए आप अपना मेहनत बढ़ा कर सायद निजात पा सकते और इसमें सफल ना हो पाए तो आप भी अवैध कार्यो में शामिल होने लगते अपनी कर्ज से निकलने के लिए | फिर समाज में आप के बारे में कई तरह के बाते बनाया जाता हैं | आप को सजा भी मिलता लेकिन आप का कुछ नहीं होता पता हैं कियो ? कियोकी हम जो हैं इस बात से ही खुस रहते की आप पर करवाई शुरू हो गया इसके बाद हम जो हैं आप को भूल जाते हैं की आप ने कुछ किया था जिससे समाज में अराजकता आई | मैं बहुत छोटा था जब हवाला और चारा घोटाला हुआ था | कभी कभी पापा और उनके दोस्तों को इन विषयों पर चर्चा करते सुनता था तो समझ नहीं आता की ये किया बात कर रहे पापा | जब मैं देश दुनिया को समझने लगा तो राजनीती, कूटनीति अर्थ वयवस्था प्रशासन वयवस्था और जो भी वयवस्था समझने की कोसिस करने लगा | आख़िरकार समझ में कोई वयवस्था नहीं आई और मैं समझ पाया कंप्यूटर और इन्टरनेट वयवस्था और मैं अपने पेट की सेवा करने के लिए इसे अच्छी तरह समझ पाया और अपनी पेट का सेवा अच्छा से कर लेता हूँ | जब पेट खुश रहता तो बेचारा दिमाग भी खुश हो जाता और फिर कुछ सोचने समझने लगता हूँ | आय दिन सुनता रहता हूँ सी .डब्लुए .जी घोटाला ७०००० करोर २जि १७५००० करोर का घोटाला आदर्श घोटाला और कई सरे घोटाले के बारे में स्विस बैंक में जमा कला धन का तो हिसाब का कहना मुस्किल हैं | सरकार के लिए महगाई समस्या जनता के लिए महगाई समस्या कियो ? जब इतने सरे रूपये की कोई लेखा जोखा नहीं हो तो महगाई कियो ना अपना तानदव करेगी | आज तक मुझे नहीं लगता इन सब गतिविधियों में सामिल हमारे नेता जी या अधिकारी गन को कोई सजा मिला हो | सिनेमा में देखने को मिलता कानून अंधी तो हैं लेकिन सच की जित दिलाती मुझे नहीं लगता ऐसा आप को लगता तो जरुर बताएगा | मेरे मन में एक सवाल हमेशा आता की हमारे कानून में ६४-६५ साल में नोकरशाही को विराम देने का प्रावधान हैं | फिर हमारे नेताजी लोग जो अपनी इन पराव को पार कर चुके अपने गद्दी कियो नहीं छोरते इसका कारण भी मैं बताता हूँ आप को| हम जो हैं वो इनको चुन कर लाते हैं , इसलिए मुझे इक सूझ आया हैं की कियो ना हम ६४-६५ साल के इन नेताजी का बहिसकर करे | अगर आप के पास कोई सुझाव हो तो बताने का कृपा करे | और मेरा मानना हैं जब तक ये दादा जी रास्ते से नहीं हटते तब तक हमारे जैसे पोता कुछ नहीं कर सकता |
मैं अपनी होसो हवास में रहते हुए आप से अनुरोध करता हूँ की इन दादाजी नेताजी को मतदान के लिए नहीं चुने आप हम अगर ऐसा चाहते हैं तो पक्का हो सकता | हम आप से सहमत हैं नयी खून में जोश की तो कमी नहीं होता लेकिन होस खोने का दर रहता लेकिन ऐसा बहुत काम होता | आज का जमाना बदल चूका हैं | हमारे बुजुर्ग नेता जी ही दुस्कर्मो के भागीदार होते | २५-३५ साल के नेता जी का बलात्कार का केस नहीं सुनने को मिला हैं आप को लेकिन ४५+ के नेता जी का कई ऐसे कारनामे आपने भी सुना होगा | इससे सवित होता की नई खून में वहसी पाना नहीं हैं |
दोस्तों इस ब्लॉग का सरांस लिखने के लिए हमें और समय चाहिए आगे हम सरांस लिखेंगे ....|